83. काम नए नित गीत बनाना

काफी अरसा बीत गया यह ब्लॉग लिखते-लिखते, जैसा बाबा तुलसीदास जी ने कहा- स्वांतः सुखाय। सोशल मीडिया के ये मंच, जो विद्वानों से भरे पड़े हैं, वहाँ सोचा कि अनुभूतियों की बात ज्यादा से ज्यादा करूं। ऐसे ही एक दिन खयाल आया कि ब्लॉग लिखना शुरू किया जाए। इस बहाने अपनी कुछ कविताएं भी, जो सिर्फ ज़ेहन में सुरक्षित थीं उनको डिजिटल रूप में रक्षित कर लिया। कोशिश की है कि जहाँ तक संभव हो, दलगत राजनीति पर चर्चा न करूं।

शुरू में एक लक्ष्य था कि अपने बचपन से लेकर सेवाकाल के अंत तक के अनुभवों को इसमें संजो लूं। वह हो  गया, अब यदा-कदा जो मन में आएगा, वह लिखता रहूंगा। मेरे लिए प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोत कवि-कलाकार हैं, फिल्मकार राजकपूर हैं, मुकेश, शैलेंद्र और उनकी सारी टीम है, अपनी पसंद की बड़े कवियों की रचनाएं भी मैंने जब मन हुआ है, इसमें शेयर की हैं।

सोशल मीडिया पर जुड़े लोगों के पास सामान्यतः इतना समय नहीं होता कि वे लिंक को खोलकर ब्लॉग पढ़ें। सच्चाई है कि मैंने भी कभी किसी के ब्लॉग नहीं पढ़े हैं, लेकिन जब ब्लॉग वाले मूल पृष्ठ पर से यह सूचना मिलती है कि कोई नया पाठक/ब्लॉगर मेरा ब्लॉग पढ़ना प्रारंभ कर रहा है तो और आगे लिखने की प्रेरणा मिलती है। ये प्रेरणा अपने नियमित संपर्कों के मुकाबले अजनबियों से ज्यादा मिलती है।  

मुझे ‘जिस देश में गंगा बहती है’ का राजू याद आता है, जो कहता है-

काम नए नित गीत बनाना,

गीत बना के, जहाँ को सुनाना,

कोई न मिले तो अकेले में गाना,

कविराज कहे, न ये ताज रहे,

न ये राज रहे, न ये राजघराना,

प्रेम और प्रीत का गीत रहे,

कोई लूट सका न कभी ये खजाना,

मेरा नाम राजू, घराना अनाम,

बहती है गंगा, जहाँ मेरा धाम।

मैं सामान्यतः मुकेश जी के गीत उद्धृत करता हूँ, वैसे मैंने जगजीत सिंह जी और गुलाम अली जी की गाई गज़लें भी शेयर की हैं, आज किसी और के गाये फिल्मी गीत की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं-

दिल की गिरह खोल दो, चुप न बैठो, कोई गीत गाओ,

महफिल में अब कौन है अजनबी, तुम मेरे पास आओ।

अंत में इतना ही-

चलता ही रहूं, हर मंज़िल तक, अंजाम से बेगाना,

दिवाना मुझको लोग कहें, मैं समझूं जग है दिवाना।

नमस्कार।

****************

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: