203. जो एक सपना अपनाए!

Three Day Quote Challenge

छोटे सपने देखना अपराध है- प्रो. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम

  1. मुझे साथी ब्लॉगर अनामिका जी ने Three Day Quote Challenge के लिए नामित किया है, मैं अनामिका जी का आभारी हूँ और यह चुनौती स्वीकार करता हूँ। अनामिका जी बहुत सुंदर ब्लॉग लिखती हैं, जिनको  https://anamikaisblogging.wordpress.com  पर देखा जा सकता है। मैं चाहूंगा कि मेरे साथ जुड़े लोग, अनामिका जी के ब्लॉग्स का भी आनंद लें।
    Three Day Quote Challenge के अंतर्गत मुझे तीन दिन तक, प्रतिदिन एक उक्ति/उद्धरण प्रस्तुत करने हैं और यह बताना है कि मुझे वह उद्धरण क्यों पसंद है। आज मेरे इस चुनौती पर अमल करने का पहला दिन है।

  2. मेरा आज का उद्धरण जैसा कि मैंने ऊपर बताया, हमारे पूर्व राष्ट्रपति- प्रो. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का है- ‘छोटे सपने देखना अपराध है’

वास्तव में देखा जाए तो उनका जीवन ही इसका बहुत बड़ा उदाहरण है कि किस प्रकार बड़े सपने देखने और उनको हासिल करने के लिए मेहनत करने से इंसान कहाँ से कहाँ पहुंच सकता है। एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा, जो बच्चा अपनी पढ़ाई ठीक से कर पाने के लिए घरों में अखबार बांटता है, वह अपनी मेहनत और संकल्प शक्ति के बल पर भारत का एक महान वैज्ञानिक बनता है, जिसे मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है और उसकी उपलब्धियों का सम्मान करते हुए उसको भारत का राष्ट्रपति बनाया जाता है, अन्यथा उनकी सक्रिय राजनीति में कोई रुचि नहीं थी।

एक उदाहरण और याद आ रहा है, जब डॉ. कलाम राष्ट्रपति बने, तब उनकी शपथ में भाग लेने के लिए, उनके बहुत से संबंधी आए और उनको राष्ट्रपति भवन में ठहराया गया था। ऐसा औपचारिक रूप से किया जा सकता था, लेकिन डॉ. कलाम ने उसका हिसाब मांगकर उनके रहने-खाने के पूरे खर्च का अपनी जेब से भुगतान किया।

एक गीत की पंक्ति मैं अक्सर दोहराता हूँ- ‘वो तय कर लेगा मंज़िल, जो इक सपना अपनाए’।
अतः मैं इसमें पूरा विश्वास करता हूँ कि इंसान को हमेशा बड़े सपने देखने चाहिएं और जो छोटे सपने देखते हैं, वे खुद के और कम से कम अपने परिवार के साथ अत्याचार करते हैं।

  1. अपनी पसंद का उद्धरण देने के अलावा मुझे प्रतिदिन अपने कुछ साथी ब्लॉगर्स को भी यह चुनौती स्वीकार करने के लिए नामित करना है। मैं यह मानता हूँ कि चुनौती स्वयं स्वीकार की जाए तो बेहतर है। इसलिए मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि मेरे जो भी साथी इस चुनौती को स्वीकार करना चाहें, वे इसकी सूचना देते हुए चुनौती के अनुसार लगातार अपने तीन ब्लॉग, अपने प्रिय क्वोट/उद्धरण प्रस्तुत करते हुए और यह बताते हुए प्रस्तुत करें कि ये उद्धरण उनको क्यों प्रिय हैं।

मेरा आज का ब्लॉग यहीं संपन्न होता है, कल मैं दूसरे उद्धरण के साथ आपसे चर्चा करूंगा।

नमस्कार।

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