चुरा ले न तुमको ये मौसम सुहाना!

जीवन में सभी चाहते हैं कि कोई हमारा खयाल रखने वाला हो, कोई हो जो हमारी सलामती की चिंता करे, हमारी फिक्र करे!

लेकिन फिल्मों में और शायद ऐसा असली ज़िंदगी में भी होता है कुछ लोगों के साथ कि लोग उनका इतना खयाल रखते हैं, इतनी चिंता करते हैं, अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए इतने बेताब रहते हैं कि कहना पड़ता कि हुज़ूर मुझे माफ कीजिए, आप अपना ही खयाल रख लीजिए!

एक बड़ा प्यारा सा गीत याद आ रहा था, 1963 में रिलीज़ हुई फिल्म- ‘दिल ही तो है’ के लिए साहिर लुधियानवी जी के लिखे इस गीत को, मुकेश जी और सुमन कल्याणपुर जी ने, रोशन जी के संगीत निर्देशन में गाया है और इस गीत को राज कपूर जी और नूतन जी पर बड़ी खूबसूरती से फिल्माया गया है। इस गीत में नायक ने नायिका के साथ रहने के लिए कैसे-कैसे बहाने बनाए हैं और कैसे सुंदर जवाब नायिका ने दिए हैं, वही इस गीत की खूबसूरती बढ़ाते हैं।

 

 

चुरा ले ना तुमको ये मौसम सुहाना,
खुली वादियों में अकेली न जाना |

लुभाता है मुझको ये मौसम सुहाना,
मैं जाऊँगी तुम मेरे पीछे न आना |

लिपट जाएगा कोई बेबाक झोंका,
जवानी की रौ में ना आँचल उड़ाना।

मेरे वास्ते तुम परेशां न होना,
मुझे ख़ूब आता है दामन बचाना|

घटा भी कभी चूम लेती है चेहरा,
समझ सोच कर रुख़ से ज़ुल्फ़ें हटाना।

घटा मेरे नज़दीक आकर तो देखे,
इन आँखों ने सीखा है बिजली गिराना ।

तुम एक फूल हो तुमको ढूंढूंगा कैसे,
कहीं मिल के फूलों में गुम हो न जाना।

जो फूलों में रंगत मिले भी तो क्या है,
जुदा मेरी ख़ुश्बू, जुदा मुस्कुराना |

आज के लिए इतना ही,
नमस्कार।


3 responses to “चुरा ले न तुमको ये मौसम सुहाना!”

  1. Like too much sweetness is not good and it may turn into a bitter, too much care can be smothering. Nice and appropriate song.

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