ये ऑक्सफोर्ड है जी!

लंदन प्रवास के दौरान कल हम ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी देखने गए थे। जैसे विद्यालयों, विश्वविद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, तो यह भी कहा जा सकता है कि यह दुनिया का शायद दूसरा सबसे पुराना शिक्षा का महामंदिर है, जो आज भी चल रहा है।

 

तो हम लंदन से सुबह रवाना हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के लिए। लंदन के पैटिंगटन रेलवे स्टेशन से ऑक्सफोर्ड के लिए जीडब्लूआर (ग्रेट वेस्टर्न रेलवे) की ट्रेन चलती है। जैसे हम ‘मेरा भारत महान’ कहते हैं, ब्रिटेन, यानि ‘ग्रेट ब्रिटेन’ में तो शायद पहले से ही सब चीजों को ‘ग्रेट’ कहने की परंपरा है।

खैर पैटिंगटन स्टेशन से ट्रेन द्वारा ऑक्सफोर्ड पहुंचने में एक घंटा लगता है, बहुत आकर्षक और सुविधाजनक फास्ट ट्रेन उपलब्ध हैं, रास्ते में दो स्टेशनों पर यह ट्रेन रुकती हैं- स्लॉ (Slough) और रेडिंग (Reading), इन दोनों स्थानों भी काफी बड़ी संख्या में भारतीय और एशियाई लोग रहते हैं।


ऑक्सफोर्ड घूमने का अनुभव अपने आप में अद्वितीय है, जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय  विशालता में कहीं भी इसके आस-पास नहीं है और उसको भी कई कैम्पस में बांट दिया गया, यहाँ हॉप ऑन-हॉप ऑफ बस द्वारा पूरा परिसर घूमने में एक घंटा लग जाता है। कौन सा पैमाना है जिसके हिसाब से यह अद्वितीय नहीं है। वह इसके निर्माण की शिल्पकला हो, हर क्षेत्र के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम हों, इस विश्वविद्यालय के प्रकाशन हों, आदि-आदि। इसका पुस्तकालय अनेक मंज़िलों में फैला है और इसके छात्र तो दुनिया भर में फैले ही हैं।


ब्रिटेन पर शासन करने वाले अनेक राजनीतिज्ञ, अमेरिका के अनेक राजनेता, जिनमें बिल-क्लिंटन भी शामिल हैं, यहाँ के छात्र रहे हैं, एक स्थान है जिसके बारे में बताया गया कि वहाँ क्लिंटन नशा करते हुए पकड़े गए थे,  खैर उन्होंने शायद इससे इंकार किया था। भारत और पाकिस्तान के भी अनेक नेता यहाँ के छात्र रहे हैं। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री- श्रीमती इंदिरा गांधी जी, पाकिस्तान के नेताओं में भी इमरान खान और बेनज़ीर भुट्टो, उनके पिता ज़ुल्फिकार अली भुट्टो आदि भी रहे हैं।


अनेक प्रसिद्ध साहित्यकार यहाँ के छात्र रहे हैं, जिनमें – टी.एस. इलियट भी शामिल थे। इस प्रकार इस विश्वविद्यालय से अनेक ऐसी प्रतिभाएं दुनिया को मिली हैं जिन्होंने राजनीति, साहित्य और फिल्मों में अपना अमूल्य योगदान दिया है। ब्रिटेन के तो अनेक प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कुछ स्थानों और भवनों को देखते ही बच्चों की प्रसिद्ध फिल्म- हैरी पॉटर याद आ जाती है। बच्चों के लिए लिखी गई प्रसिद्ध कहानियों- ‘एलिस इन वंडरलैंड’ के लेखक भी यहाँ के प्रोफेसर थे, जिन्होंने अपनी बेटी के किसी अनुभव से प्रेरित होकर यह लोकप्रिय कहानी लिखी थी, जो दुनिया भर में लोकप्रिय हुई थी।
कहानियां तो बहुत हैं इस बहुत पुराने विश्वविद्यालय से जुड़ी हुई, मैं अब केवल इससे जुड़े कुछ चित्र शेयर कर रहा हूँ, बाकी कभी इधर आएं तो बस में घूमकर देखें कमेंट्री सुनें जो अनेक भाषाओं में उपलब्ध है, जिनमें हिंदी भी शामिल है, कुछ हिस्सा यहाँ वॉकिंग टूर में घुमाकर दिखाया जाता है और गाइड अंग्रेजी में काफी रोचक अंदाज़ में उनके बारे में बताता है।

घटनाएं बहुत हैं इससे जुड़ी जैसा मैंने कहा, और यहाँ के लोग भी काफी जागरूक हैं, अभी यूके की संसद भंग होने वाली है, इसके विरोध में ब्रिटेन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, तो विश्वविद्यालय कैसे अछूता रहेगा। लोग कहीं भी इकट्ठा होकर अपना जंतर-मंतर बना लेते हैं, प्रदर्शन भी चलता रहता है और अन्य गतिविधियां भी होती रहती हैं। कहीं ऐसा नहीं होता कि पुलिस बेरीकेड लगाए और लोग उस पर चढ़कर अपनी मर्दानगी दिखाएं।

एक बात और, कुछ दिन पहले बाथ नगर के बारे में लिखा था, वहाँ रहने वाले सेलिब्रिटीज़ में अंग्रेजी हास्य फिल्मों के कलाकार मि. बीन भी शामिल हैं और हाँ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों में भी वे शामिल हैं, वैसे एक प्रश्न शायद ये भी हो सकता है कि ग्रेट ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्रियों में कौन है, जिसने ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई नहीं की हैं, कोई तो होंगे शायद!

यहाँ कुछ चित्र शेयर किए हैं, वे भी तो कुछ बताएंगे,  बाकी कभी मौका लगे तो यहाँ घूम लीजियेगा।

आज के लिए इतना ही,
नमस्कार।

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