कोरोना और तब्लीगी जमात!

आज का समय बहुत कठिन समय है, मुझे विश्वास है कि यह समय भी बीत जाएगा, मानव समाज ‘कोरोना वायरस’ नाम की इस मुसीबत पर अंततः विजय प्राप्त करेगा। आज जो लोग यह अनुभव कर रहे हैं, वे आने वाली पीढ़ियों को अपने इस अनुभव के बारे में बताएंगे। कुल मिलाकर क्या कुछ होगा हमारे पास बताने के लिए, यह अभी नहीं कहा जा सकता। पहले हम इस मुसीबत पर विजय प्राप्त कर लें, तभी यह आकलन हो पाएगा कि देश को और समूची मानव जाति को इससे कितना नुकसान हुआ। हम पहले कभी फैले ‘प्लेग’ और ‘बंगाल के अकाल’ की कहानियां सुना करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि विश्व युद्ध को छोड़ दें तो किसी विपदा ने मानव जाति का इतना नुक़सान नहीं किया है। मेरी बार-बार यही कामना है कि हम सभी मिल-जुलकर इस महाविपदा का सफलता पूर्वक सामना करें और इससे आगे और अधिक नुक़सान न हो पाए।

 

 

एक घटना बड़ी अजीब सामने इन दिनों आई, हम हिंदुस्तानियों को संतोष था कि कोरोना वायरस हमारा इतना अधिक नुक़सान नहीं कर पाया। लेकिन इस बीच एक सिरफिरे धर्मगुरु और उसकी ‘जमात’ ने ऐसा अनर्थ किया कि हमारे देश में ‘कोरोना वायरस’ से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग दो गुनी हो गई। उस मूर्ख द्वारा किए गए कार्यक्रम में देश-विदेश से लोग आए, ऐसे देशों से अनेक लोग आए, जो कोरोना से बुरी तरह संक्रमित हैं। इतना ही नहीं जबकि बहुत पहले से यह कहा जा चुका कि किसी आयोजन में, वह धार्मिक हो अथवा कैसा भी हो, उसमें पहले 50 की सीमा थी, बाद में शायद 20 कर दी गई, इससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते, लेकिन इस आयोजन में पिछले 15-20 दिनों से हजारों लोग इकट्ठे थे, और उनमें से अनेक विदेशी लोग बाद में देश भर में चले गए, मस्ज़िदों में जाकर छिप गए। जब निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित आयोजन स्थल में कुछ लोगों की तबीयत खराब हुई, तब जाकर यह सूचना लोगों को मिली और इन लोगों को निकाला गया! लगभग 2500 लोग जो पिछले 15-20 दिन से वहाँ रुके थे।

आश्चर्य की बात यह है कि इस तब्लीगी जमात के मुखिया के इस आयोजन में दिए गए जो भाषण ‘यू ट्यूब’ पर मौज़ूद हैं, उनमें वो कहता है कि कोरोना से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। फिर वो कहता है कि अगर मौत आती भी है, तो मरने के लिए मस्ज़िद से ज्यादा श्रेष्ठ कोई जगह नहीं है।

देश भर में कोरोना से संक्रमित, जमात में शामिल लोगों का इलाज हो रहा है, जांच हो रही है और उनको क्वारंटाइन किया जा रहा है। लेकिन ये लोग मैडिकल स्टाफ से जिस तरह की बदतमीजी कर रहे हैं, उसे देखकर वास्तव में आश्चर्य होता है कि क्या इस जमात में यही संस्कार और सभ्यता है। यह वास्तव में निंदनीय है और यदि संभव हो तो ऐसे लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए, लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि तब भी यह रोग और फैलेगा, लेकिन ये लोग इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं।

इस संकट की घड़ी में हमारे प्रधानमंत्री और सरकार बहुत सक्रियता से काम कर रहे हैं, यद्यपि कुछ अति प्रगतिशील लोगों के लिए यह संभव ही नहीं है कि वे हमारे प्रधानमंत्री में कोई अच्छाई देख सकें। वे तो इन बदतमीज लोगों के बचाव के लिए ही कोई बहाना ढूंढ़ने में लग जाएंगे।

खैर, मैं यही कामना करता हूँ कि हम शीघ्र इस महामारी पर विजय पाएं और मानव जाति को इससे अधिक नुकसान न पहुंच पाए।

आज के लिए इतना ही।
नमस्कार।

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5 responses to “कोरोना और तब्लीगी जमात!”

  1. They are in humans in nature. Loved reading this post, honest, potential and courageous write up.

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  2. There is no shortage of idiots in the world, like this faith leader your article talks about.

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  3. I have put in a lot of effort in my new blog. Kindly check it out and drop a follow.
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    1. Very nice, keep it up.

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