
चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह,
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है|
हसरत मोहानी
A sky full of cotton beads like clouds
चोरी-चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगह,
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है|
हसरत मोहानी
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