आज एक गीत फिल्म ‘अनिता’ से, हमारे प्रिय गायक मुकेश जी के मधुर स्वर में, इसका संगीत तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की संगीतमय जोड़ी ने और गीत लिखा था राजा मेहदी आली खां साहब ने| मुझे यह गीत भी विशेष रूप से प्रिय है और आज भी यह हमारे मन में गूँजता रहता है|
लीजिए प्रस्तुत हैं फिल्म- ‘अनिता’ के लिए मुकेश जी के इस मधुर गीत के बोल :

तुम बिन जीवन कैसे बीता,
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
सावन के दिन आए, बीती यादें लाए
कौन झुकाकर आँखें, मुझको पास बिठाए
कैसा था प्यारा रूप तुम्हारा,
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन …
प्रेम का सागर हाय, चारों तरफ़ लहराए
जितना आगे जाऊँ, गहरा होता जए
ग़म के भंवर में, क्या क्या डूबा,
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन …
जैसे जुगनू बन में, तू चमके अंसुवन में
बन कर फूल खिली हो, जाने किस बगियन में
मै अपनी किस्मत पे रोया,
पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से
तुम बिन जीवन …
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार
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