
ग़म बिक रहे थे मेले में ख़ुशियों के नाम पर,
मायूस होक लौटे हैं हर इक दुकाँ से हम|
राजेश रेड्डी
A sky full of cotton beads like clouds
ग़म बिक रहे थे मेले में ख़ुशियों के नाम पर,
मायूस होक लौटे हैं हर इक दुकाँ से हम|
राजेश रेड्डी
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