
मुतास्सिर लोग यूँ हैं रोटियों से,
ख़यालों तक गईं गोलाइयां हैं|
सूर्यभानु गुप्त
A sky full of cotton beads like clouds
मुतास्सिर लोग यूँ हैं रोटियों से,
ख़यालों तक गईं गोलाइयां हैं|
सूर्यभानु गुप्त
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