मेरे पर निकलने लगते हैं!

बुलन्दियों का तसव्वुर भी ख़ूब होता है,
कभी कभी तो मेरे पर निकलने लगते हैं|

राहत इन्दौरी

2 responses to “मेरे पर निकलने लगते हैं!”

    1. shri.krishna.sharma avatar
      shri.krishna.sharma

      Thanks a lot ji.

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