
मैं जानता हूँ सोचना अब एक जुर्म है,
लेकिन मैं दिल में उठते सवालों को क्या करूँ|
राजेश रेड्डी
A sky full of cotton beads like clouds
मैं जानता हूँ सोचना अब एक जुर्म है,
लेकिन मैं दिल में उठते सवालों को क्या करूँ|
राजेश रेड्डी
Leave a Reply