
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक|
मिर्ज़ा ग़ालिब
A sky full of cotton beads like clouds
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक|
मिर्ज़ा ग़ालिब
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