
ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ,
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ|
मुनीर नियाज़ी
A sky full of cotton beads like clouds
ये कैसा नश्शा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ,
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ|
मुनीर नियाज़ी
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