
आबाद हम आशुफ़्ता-सरों से नहीं मक़्तल,
ये रस्म अभी शहर में ज़िंदा है कि तुम हो|
अहमद फ़राज़
A sky full of cotton beads like clouds
आबाद हम आशुफ़्ता-सरों से नहीं मक़्तल,
ये रस्म अभी शहर में ज़िंदा है कि तुम हो|
अहमद फ़राज़
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