
शुक्र ही शुक्र लिखे जाऊँ मैं उनके हक़ में,
कभी उनसे मैं शिकायात न लिखने पाऊँ|
राजेश रेड्डी
A sky full of cotton beads like clouds
शुक्र ही शुक्र लिखे जाऊँ मैं उनके हक़ में,
कभी उनसे मैं शिकायात न लिखने पाऊँ|
राजेश रेड्डी
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