
नैरंगियाँ चमन की पशेमान हो गईं,
रुख़ पर किसी के आज जो गेसू बिखर गए|
महेश चंद्र नक़्श
A sky full of cotton beads like clouds
नैरंगियाँ चमन की पशेमान हो गईं,
रुख़ पर किसी के आज जो गेसू बिखर गए|
महेश चंद्र नक़्श
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