
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था,
मिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी|
जावेद अख़्तर
A sky full of cotton beads like clouds
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था,
मिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी|
जावेद अख़्तर
Leave a Reply