
शाम-ए-फ़िराक़ आई तो दिल डूबने लगा,
हमको भी अपने आप पे कितना ग़ुरूर था|
मुनीर नियाज़ी
A sky full of cotton beads like clouds
शाम-ए-फ़िराक़ आई तो दिल डूबने लगा,
हमको भी अपने आप पे कितना ग़ुरूर था|
मुनीर नियाज़ी
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