
ब’अद में मैंने बुलंदी को छुआ,
अपनी नज़रों से गिरा था पहले|
राजेश रेड्डी
A sky full of cotton beads like clouds
ब’अद में मैंने बुलंदी को छुआ,
अपनी नज़रों से गिरा था पहले|
राजेश रेड्डी
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