
आग का क्या है पल दो पल में लगती है,
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है|
कैफ़ भोपाली
A sky full of cotton beads like clouds
आग का क्या है पल दो पल में लगती है,
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है|
कैफ़ भोपाली
Leave a Reply