
पहले पहले हवस इक-आध दुकाँ खोलती है,
फिर तो बाज़ार के बाज़ार से लग जाते हैं|
अहमद फ़राज़
A sky full of cotton beads like clouds
पहले पहले हवस इक-आध दुकाँ खोलती है,
फिर तो बाज़ार के बाज़ार से लग जाते हैं|
अहमद फ़राज़
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