
परिंदे होते तो डाली पे लौट भी जाते,
हमें न याद दिलाओ कि शाम हो गई है|
राजेश रेड्डी
A sky full of cotton beads like clouds
परिंदे होते तो डाली पे लौट भी जाते,
हमें न याद दिलाओ कि शाम हो गई है|
राजेश रेड्डी
Leave a Reply