
फुवारें सी नग़्मों की पड़ती हों जैसे,
कुछ उस लब के सुनने-सुनाने की रातें|
फ़िराक़ गोरखपुरी
A sky full of cotton beads like clouds
फुवारें सी नग़्मों की पड़ती हों जैसे,
कुछ उस लब के सुनने-सुनाने की रातें|
फ़िराक़ गोरखपुरी
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