
जाओ तुम अपने बाम की ख़ातिर सारी लवें शम्ओं की कतर लो,
ज़ख़्म के मेहर-ओ-माह सलामत जश्न-ए-चराग़ाँ तुम से ज़ियादा|
मजरूह सुल्तानपुरी
A sky full of cotton beads like clouds
जाओ तुम अपने बाम की ख़ातिर सारी लवें शम्ओं की कतर लो,
ज़ख़्म के मेहर-ओ-माह सलामत जश्न-ए-चराग़ाँ तुम से ज़ियादा|
मजरूह सुल्तानपुरी
Leave a Reply