
है मेरे चारों तरफ़ भीड़ गूँगे बहरों की,
किसे ख़तीब बनाऊँ किसे ख़िताब करूँ|
राहत इन्दौरी
A sky full of cotton beads like clouds
है मेरे चारों तरफ़ भीड़ गूँगे बहरों की,
किसे ख़तीब बनाऊँ किसे ख़िताब करूँ|
राहत इन्दौरी
Leave a Reply