
‘मीर’ के मानिंद अक्सर ज़ीस्त करता था ‘फ़राज़’,
था तो वो दीवाना सा शाइर मगर अच्छा लगा|
अहमद फ़राज़
A sky full of cotton beads like clouds
‘मीर’ के मानिंद अक्सर ज़ीस्त करता था ‘फ़राज़’,
था तो वो दीवाना सा शाइर मगर अच्छा लगा|
अहमद फ़राज़
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