
मेरी सारी ज़िंदगी को बे-समर उसने किया,
उम्र मेरी थी मगर उसको बसर उसने किया|
मुनीर नियाज़ी
A sky full of cotton beads like clouds
मेरी सारी ज़िंदगी को बे-समर उसने किया,
उम्र मेरी थी मगर उसको बसर उसने किया|
मुनीर नियाज़ी
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