
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से,
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा|
निदा फ़ाज़ली
A sky full of cotton beads like clouds
किससे पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से,
हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा|
निदा फ़ाज़ली
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