
आइना देख के निकला था मैं घर से बाहर,
आज तक हाथ में महफ़ूज़ है पत्थर मेरा|
निदा फ़ाज़ली
A sky full of cotton beads like clouds
आइना देख के निकला था मैं घर से बाहर,
आज तक हाथ में महफ़ूज़ है पत्थर मेरा|
निदा फ़ाज़ली
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