
मुझे पिला रहे थे वो कि ख़ुद ही शम्मा बुझ गई,
गिलास ग़ुम शराब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर
A sky full of cotton beads like clouds
मुझे पिला रहे थे वो कि ख़ुद ही शम्मा बुझ गई,
गिलास ग़ुम शराब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर
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