
परछाईं के इस जंगल में क्या कोई मौजूद नहीं,
इस दश्त-ए-तन्हाई से कब लोग रिहाई पाएँगे|
राही मासूम रज़ा
A sky full of cotton beads like clouds
परछाईं के इस जंगल में क्या कोई मौजूद नहीं,
इस दश्त-ए-तन्हाई से कब लोग रिहाई पाएँगे|
राही मासूम रज़ा
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