
तेरे मिलने की ख़ुशी में कोई नग़्मा छेड़ूँ,
या तिरे दर्द-ए-जुदाई का गिला पेश करूँ|
साहिर लुधियानवी
A sky full of cotton beads like clouds
तेरे मिलने की ख़ुशी में कोई नग़्मा छेड़ूँ,
या तिरे दर्द-ए-जुदाई का गिला पेश करूँ|
साहिर लुधियानवी
Leave a Reply