
वो तो आ के ‘मुनीर’ जा भी चुका,
इक महक सी है बाग़ में बाक़ी|
मुनीर नियाज़ी
A sky full of cotton beads like clouds
वो तो आ के ‘मुनीर’ जा भी चुका,
इक महक सी है बाग़ में बाक़ी|
मुनीर नियाज़ी
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