
सच अच्छा पर उसके जिलौ में ज़हर का है इक प्याला भी,
पागल हो क्यूँ नाहक़ को सुक़रात बनो ख़ामोश रहो|
इब्न ए इंशा
A sky full of cotton beads like clouds
सच अच्छा पर उसके जिलौ में ज़हर का है इक प्याला भी,
पागल हो क्यूँ नाहक़ को सुक़रात बनो ख़ामोश रहो|
इब्न ए इंशा
Leave a Reply