
तन्हा हुआ सफ़र में तो मुझ पे खुला ये भेद,
साए से प्यार धूप से नफ़रत उसे भी थी|
मोहसिन नक़वी
A sky full of cotton beads like clouds
तन्हा हुआ सफ़र में तो मुझ पे खुला ये भेद,
साए से प्यार धूप से नफ़रत उसे भी थी|
मोहसिन नक़वी
Leave a Reply