
जिस धूप की दिल में ठंडक थी वो धूप उसी के साथ गई,
इन जलती बलती गलियों में अब ख़ाक उड़ाऊँ किसके लिए|
नासिर काज़मी
A sky full of cotton beads like clouds
जिस धूप की दिल में ठंडक थी वो धूप उसी के साथ गई,
इन जलती बलती गलियों में अब ख़ाक उड़ाऊँ किसके लिए|
नासिर काज़मी
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