
काश अब बुर्क़ा मुँह से उठा दे वर्ना फिर क्या हासिल है,
आँख मुँदे पर उन ने गो दीदार को अपने आम किया|
मीर तक़ी मीर
A sky full of cotton beads like clouds
काश अब बुर्क़ा मुँह से उठा दे वर्ना फिर क्या हासिल है,
आँख मुँदे पर उन ने गो दीदार को अपने आम किया|
मीर तक़ी मीर
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