
नए कपड़े बदल कर जाऊँ कहाँ और बाल बनाऊँ किसके लिए,
वो शख़्स तो शहर ही छोड़ गया मैं बाहर जाऊँ किसके लिए|
नासिर काज़मी
A sky full of cotton beads like clouds
नए कपड़े बदल कर जाऊँ कहाँ और बाल बनाऊँ किसके लिए,
वो शख़्स तो शहर ही छोड़ गया मैं बाहर जाऊँ किसके लिए|
नासिर काज़मी
Leave a Reply