
मैदान-ए-वफ़ा दरबार नहीं याँ नाम-ओ-नसब की पूछ कहाँ,
आशिक़ तो किसी का नाम नहीं कुछ इश्क़ किसी की ज़ात नहीं|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
A sky full of cotton beads like clouds
मैदान-ए-वफ़ा दरबार नहीं याँ नाम-ओ-नसब की पूछ कहाँ,
आशिक़ तो किसी का नाम नहीं कुछ इश्क़ किसी की ज़ात नहीं|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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