
मैं तो उस दिन से हिरासाँ हूँ कि जब हुक्म मिले,
ख़ुश्क फूलों को किताबों में न रक्खे कोई|
परवीन शाकिर
A sky full of cotton beads like clouds
मैं तो उस दिन से हिरासाँ हूँ कि जब हुक्म मिले,
ख़ुश्क फूलों को किताबों में न रक्खे कोई|
परवीन शाकिर
Leave a Reply