
उठता है दिल-ओ-जाँ से धुआँ दोनों तरफ़ ही,
ये ‘मीर’ का दीवान यहाँ भी है वहाँ भी|
निदा फ़ाज़ली
A sky full of cotton beads like clouds
उठता है दिल-ओ-जाँ से धुआँ दोनों तरफ़ ही,
ये ‘मीर’ का दीवान यहाँ भी है वहाँ भी|
निदा फ़ाज़ली
Leave a Reply