
बेकस की आरज़ू में परेशाँ है ज़िंदगी,
अब तो फ़सील-ए-जाँ से दिया भी उतर गया|
मुनव्वर राना
A sky full of cotton beads like clouds
बेकस की आरज़ू में परेशाँ है ज़िंदगी,
अब तो फ़सील-ए-जाँ से दिया भी उतर गया|
मुनव्वर राना
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