
वो कोई रंग है जो उड़ न जाए ऐ गुल-ए-तर,
वो कोई बू है जो रुस्वा न हो ज़माने में|
फ़िराक़ गोरखपुरी
A sky full of cotton beads like clouds
वो कोई रंग है जो उड़ न जाए ऐ गुल-ए-तर,
वो कोई बू है जो रुस्वा न हो ज़माने में|
फ़िराक़ गोरखपुरी
Leave a Reply