
मेरे ग़म को जो अपना बताते रहे,
वक़्त पड़ने पे हाथों से जाते रहे|
वसीम बरेलवी
A sky full of cotton beads like clouds
मेरे ग़म को जो अपना बताते रहे,
वक़्त पड़ने पे हाथों से जाते रहे|
वसीम बरेलवी
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