
ऐ क़ैस-ए-जुनूँ-पेशा ‘इंशा’ को कभी देखा,
वहशी हो तो ऐसा हो रुस्वा हो तो ऐसा हो|
इब्न-ए-इंशा
A sky full of cotton beads like clouds
ऐ क़ैस-ए-जुनूँ-पेशा ‘इंशा’ को कभी देखा,
वहशी हो तो ऐसा हो रुस्वा हो तो ऐसा हो|
इब्न-ए-इंशा
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