
सबा से करते हैं ग़ुर्बत-नसीब ज़िक्र-ए-वतन,
तो चश्म-ए-सुब्ह में आँसू उभरने लगते हैं|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
A sky full of cotton beads like clouds
सबा से करते हैं ग़ुर्बत-नसीब ज़िक्र-ए-वतन,
तो चश्म-ए-सुब्ह में आँसू उभरने लगते हैं|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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