छुपाते हैं बहुत वो गर्मी-ए-दिल को मगर मैं भी,
गुल-ए-रुख़ पर उड़ी रंगत के छींटे देख लेता हूँ|
मुनीर नियाज़ी
A sky full of cotton beads like clouds
छुपाते हैं बहुत वो गर्मी-ए-दिल को मगर मैं भी,
गुल-ए-रुख़ पर उड़ी रंगत के छींटे देख लेता हूँ|
मुनीर नियाज़ी
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