पुरानी मंज़िलों का शौक़ तो किसको है बाक़ी,
अब नई हैं मंज़िलें हैं सबके दिल में जिनके अरमाँ,
बना लेना नई मंज़िल न था मुश्किल मगर ऐ दिल,
नए रस्ते बनाने में अभी कुछ दिन लगेंगे|
जावेद अख़्तर
A sky full of cotton beads like clouds
पुरानी मंज़िलों का शौक़ तो किसको है बाक़ी,
अब नई हैं मंज़िलें हैं सबके दिल में जिनके अरमाँ,
बना लेना नई मंज़िल न था मुश्किल मगर ऐ दिल,
नए रस्ते बनाने में अभी कुछ दिन लगेंगे|
जावेद अख़्तर
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