इक सब्र के घूँट से मिट जाती तब तिश्ना-लबों की तिश्ना-लबी,
कम-ज़र्फी-ए-दुनिया के सदक़े ये घूँट भी पीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी
A sky full of cotton beads like clouds
इक सब्र के घूँट से मिट जाती तब तिश्ना-लबों की तिश्ना-लबी,
कम-ज़र्फी-ए-दुनिया के सदक़े ये घूँट भी पीना मुश्किल है|
अर्श मलसियानी
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