आज फिर से मैं अपने प्रिय गायक मुकेश जी का गाया एक और गीत शेयर कर रहा हूँ| ये शानदार गीत 1969 में रिलीज़ हुई फिल्म- ‘बेटी’ से है, जिसे लिखा है – शकील बदायुनी साहब ने और सोनिक ओमी जी के संगीत निर्देशन में इसे मुकेश जी ने अपने लाजवाब अंदाज़ में गाया है|

जीवन में ऐसा भी हो सकता है कि हमारे पास कोई न हो जिससे हम शिकायत कर सकें, लेकिन ऐसे में भी आस्थावान लोगों के पास एक सहारा होता है, ईश्वर का, जिससे वे जी भरकर शिकायत कर सकते हैं|
लीजिए प्रस्तुत है यह अमर गीत-
ये क्या किया रे दुनियावाले
जहाँ के ग़म तूने
सभी मुझको दे डाले|
ये क्या किया रे दुनियावाले||
ओ बेदर्दी, ओ हरजाई,
देख ली मैंने तेरी खुदाई|
पहले ही मेरा दिल घायल था,
और भी उस पर चोट लगायी|
तूने रुलाके मुझे, दर-दर
फिरा के मुझे,
कब के यह अरमान निकाले|
ये क्या किया रे दुनियावाले,
जहाँ के ग़म तूने
सभी मुझको दे डाले|
ये क्या किया रे दुनियावाले||
सुबह का सूरज, रात के तारे,
बन गए सब के सब अंगारे|
आस के बंधन तोड़ के तूने,
छीन लिए सभी संग सहारे|
मेरे लहू की कसम,
और भी कर ले सितम,
आज तू दिल की बुझा ले|
ये क्या किया रे दुनियावाले||
जहाँ के ग़म तूने
सभी मुझको दे डाले|
ये क्या किया रे दुनियावाले||
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
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2 replies on “ये क्या किया रे दुनियावाले!”
वाह ज़नाब …आपने सत्य लिखा ..
धन्यवाद..
Thanks a lot ji.